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गुरुवार, 10 सितंबर 2009

इस देश को जोड़ने के लिए... "एक चिट्ठी देश के नाम"

जय हो ! से शुरू हुई यह चिट्ठी हमारे अन्दर सो रही मानवता को जगाने और और जात-पात, धर्म भेद-भाव को ख़तम करने की एक गुहार है। जब हम सब लोग जात-पात, धर्म, भेद-भाव को मानवता का, आपसी भाई-चारे और सौहार्द का दुश्मन मानते हैं, तब भी हमें बार-बार किसी अलार्म के द्वारा जगाने की जरूरत सी होती है! यह एक प्रश्न हो सकता है कि क्यों नहीं हम ऐसी मानवता को अपने जीवन का आचरण बना लेते हैं जिससे हम एक-दूसरे के बुरे या फिर दुश्मन होने से पूरी तरह बचते हुए सारी अवाम में सिर्फ और सिर्फ प्यार उगायें, प्यार बांटे और इक असली मुस्कान के साथ जीवन यापन करें! यह तथ्य आतंकवाद जैसे बड़े मुद्दे को भी बहुत हद तक कमजोर बनाने में बहुत सक्षम हो सकता है . यह हर नागरिक का वह कर्तव्य हो सकता है जिसे निभाने के लिए शायद ही कुछ ऐसा आड़े आये जो किसी के लिए भी मुनासिब हो. बहुत ही सच्चे अहसासों बिना किसी बनावट के लिखी गई यह चिट्ठी उल्टा तीर को मुंबई से [मुनव्वर सुल्ताना बदरुल हससन "सोनी हसोणी"] ने भेजी है.

जय हो।
भारत माता की नज़र में उस के सारे बच्चे एक सामान है. न कोई जात पात, न कोई भेद-भाव.तो आज हमारा आपस का प्यार कहा खो गया? एक वक़्त था जब भारत माता के आँचल के साए में, उसका सारा परिवार एक साथ प्यार से रहा करता था, मुसीबत के वक़्त कंधे से कंधा मिलाकर एक साथ मुश्किलों का सामना करता था. पर आज यही परिवार जात-पात के नाम पर एक दूसरे से अलग हो गया और दिलों में प्यार की जगह नफरत बसने लगी.

इस देश को तोड़ने के लिए
पत्थर की ज़रुरत नहीं
अपनों की बेवफाई का
एक लफ्ज़ ही काफी है

हम इस बात को क्यों भूल जाते हैं कि अगर हमारी एकता टूट गई, हमारा यकीन एक दूसरे से डगमगा गया तो क्या हम खुश रह पाएंगे? हिंदुस्तान की एकता तो हिन्दुस्तान की सबसे बड़ी ताकत है, जोकि अब टूट सी रही है. सरहद पर जो जाबांज सिपाही हमारी हिफाज़त के लिए दिन रात दुश्मनों का सामना करते रहते हैं, उस वक़्त वो सिर्फ हिन्दू या मुस्लिम नहीं लड़ते, वो अपने देश वासियो के लिए खुद को फना कर देते हैं और अपनों की खातिर शहीद हो जाते हैं. १५ अगस्त १९४७ को हमारा देश आजाद हुआ पर आपस के भेद भावः ने इसे फिर एक बार गुलाम बना दिया. हम अपनी इस चिट्ठी के जरिये अपने सभी देश वासियो को इक ही पैगाम देना चाहते हैं-

नफरत से मुहब्बत है बडी चीज़
इस दुनिया में आये हो तो प्यार खरीदो

आज इंसान के दिलों में इतनी कड़वाहट भर गई है की उसे दूर करने के लिए हमें थोडा सा प्यार खरीदना पड़े तो यह घाटे का सौदा नहीं होगा. जय हो।

भारत देश है प्यारा नयारा
सबसे अच्छा देश हमारा

इस देश में रहते हिन्दू भाई
मुस्लिम, सिख, इसाई
राम यहाँ, रहीम यहाँ
सलाम यहाँ, नमन यहाँ

ईद यहाँ, दीप यहाँ
तो दिल क्यों है जुदा-जुदा
जब देश हो इतना प्यारा न्यारा
सबसे अच्छा देश हमारा

अल्लाह ने आदम जात बनाई
हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई
कहते थे सब भाई भाई

तो क्यों वो आपस में टकराए
खुशियों में रूठ क्यों जाए
भाई के हाथ ये शोला क्यों?
फरिका वरना फसाद क्यों?

जब देश हो इतना प्यारा न्यारा
सबसे अच्छा देश हमारा

इंसानियत की मांग है इतनी
अमन--अमन के साथ हो
मिलकर दुआएं मांगिये जब
सारे जहां का हाथ हो

खुदा यहाँ है, भगवान् यहाँ
तो दिल क्यों हो जुदा-जुदा
भारत देश है प्यारा नयारा
सबसे अच्चा देश हमारा

सारे जहां से अच्छा हिन्दुस्तान हमारा
हम बुलबुले हैं इसके, ये गुलिस्तान हमारा

*-*-*
अपनी राय जरूर लिखें!

5 टिप्‍पणियां:

आप सभी लोगों का बहुत-बहुत शुक्रिया जो आप अपने कीमती वक़्त से कुछ समय निकालकर समाज व देश के विषयों पर अपनी अमूल्य राय दे रहे हैं. इस यकीन के साथ कि आपका बोलना/आपका लिखना/आपकी सहभागिता/आपका संघर्ष एक न एक दिन सार्थक होगा. ऐसी ही उम्मीद मुझे है.
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बने रहिये हर अभियान के साथ- सीधे तौर से न सही मगर जुड़ी है आपसे ही हर एक बात.
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आप सभी लोगों को मैं एक मंच पर एकत्रित होने का तहे-दिल से आमंत्रण देता हूँ...आइये हाथ मिलाएँ, लोक हितों की एक नई ताकत बनाएं!
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आभार
[उल्टा तीर] के लिए
[अमित के सागर]

"एक चिट्ठी देश के नाम" (हास्य-वयंग्य) ***बहस के पूरक प्रश्न: समाधान मिलके खोजे **विश्व हिन्दी दिवस पर बहस व दिनकर पत्रिका १५ अगस्त 8th march अखबार आओ आतंकवाद से लड़ें आओ समाधान खोजें आतंकवाद आतंकवाद को मिटायें.. आपका मत आम चुनाव. मुद्दे इक़ चिट्ठी देश के नाम इन्साफ इस बार बहस नही उल्टा तीर उल्टा तीर की वापसी एक चिट्ठी देश के नाम एक विचार.... कविता कानून घरेलू हिंसा घरेलू हिंसा के कारण चुनाव चुनावी रणनीती ज़ख्म ताजा रखो मौत के मंजरों के जनसत्ता जागरूरकता जिन्दगी या मौत? तकनीकी तबाही दशहरा धर्म संगठनों का ज़हर नेता पत्नी पीड़ित पत्रिकारिता पुरुष प्रासंगिकता प्रियंका की चिट्ठी फ्रेंडस विद बेनेफिट्स बहस बुजुर्गों की दिशा व दशा ब्लोगर्स मसले और कानून मानसिकता मुंबई का दर्दनाक आतंकी हमला युवा राम रावण रिश्ता व्यापार शादी शादी से पहले श्रंद्धांजलि श्री प्रभाष जोशी संस्कृति समलैंगिक साक्षरता सुमन लोकसंघर्ष सोनी हसोणी की चिट्ठी amit k sagar arrange marriage baby tube before marriage bharti Binny Binny Sharma boy chhindwada dance artist dating debate debate on marriage DGP dharm ya jaati Domestic Violence Debate-2- dongre ke 7 fere festival Friends With Benefits friendship FWB ghazal girls http://poetryofamitksagar.blogspot.com/ my poems indian marriage law life or death love marriage mahila aarakshan man marriage marriage in india my birth day new blog poetry of amit k sagar police reality reality of dance shows reasons of domestic violence returning of ULTATEER rocky's fashion studio ruchika girhotra case rules sex SHADI PAR BAHAS shadi par sawal shobha dey society spouce stories sunita sharma tenis thoughts tips truth behind the screen ulta teer ultateer village why should I marry? main shadi kyon karun women

[बहस जारी है...]

१. नारीवाद २. समलैंगिकता ३. क़ानून (LAW) ४. आज़ादी बड़ी बहस है? (FREEDOM) ५. हिन्दी भाषा (HINDI) ६. धार्मिक कट्टरता और आतंकवाद . बहस नहीं विचार कीजिये "आतंकवाद मिटाएँ " . आम चुनाव और राजनीति (ELECTION & POLITICS) ९. एक चिट्ठी देश के नाम १०. फ्रेंड्स विद बेनेफिट्स (FRIENDS WITH BENEFITS) ११. घरेलू हिंसा (DOMESTIC VIOLENCE) १२. ...क्या जरूरी है शादी से पहले? १३. उल्टा तीर शाही शादी (शादी पर बहस- Debate on Marriage)