अनेकों चिट्ठियों के लिए तहे-दिल से आभारी है. उल्टा तीर सितम्बर माह में कुछ चुनिन्दा चिट्ठियों को जिनमें आपकी देश के प्रति भावनाओं की अभिव्यक्ति हुई है; को सिलसिलेबार रूप से प्रकाशित कर रहा है. एक नई ऊर्जा और जोश के साथ इक नवीनतम कलेवर में उल्टा तीर शीघ्र ही आपके समक्ष प्रस्तुत होगा. बस थोडा इंतज़ार कीजिये, उल्टा तीर पर हर महीने आयोजित होने वाली बौद्धिक गतिविधियों में अपना अमूल्य योगदान देते रहिये.
आभार; [उल्टा तीर]
नई दिल्ली से "बबीता पंवार" की लिखी हुई यह चिट्ठी पढें और अपनी राय दें.
प्यारे देशवासियों,
मै आप सब को नव सवतंत्रता वर्ष की बधाई देती हूँ. आज हम अपने देश की स्वतंत्रता को उसी तरह से मना रहे हैं जैसे किसी बच्चे का जन्मदिन. ख़ुशी का मौका है अच्छा - बुरा देखने में तो कोई विशेष बात नहीं सब ही देखते है लकिन एक खास बात ये है कि हम क्या अपनी आज़ादी को वैसे ही पाया है जैसा पाना चाहते थे या नहीं ?
आज़ादी अपने आप में बहुत बड़ी भेट है ईस्वर की, जिसे हमारे पुरखो ने खून से सीच कर हमे दिया है. इसका मोल हमे अभी तक नहीं मालूम या फिर जाने - अनजाने भुलाए बे़ठे है. क्योकि हमे आज़ादी नहीं आराम या यूं कहू कि हराम की जिन्दगी की आदत हो गयी है.
देश के नेता जिन्हें देश का मार्गदर्शन करना चाहिए वो केवल अपना भविष्य बनाने मै लगे हुए है, पुलिश, वकील लोगो को डरा कर अपना और अपने आका लोगो का ही हित साधने मै लगे है अन्य विभाग भी किसी न किसी का हक मार कर बेठे है और सबसे बड़ी भूल हम लोगो ने की है जो वो अपने जिम्मेदारियों से भागते रहना और सोचा कि जो ईस्वर की मर्ज़ी वो ही होगा लकिन ये भूल गए की इश्वर भी उन्ही की मदद करते है और सवयम दुर्जन और दुर्गुणों से लड़ कर ही वह इश्वर बने.
कहना तो बहुत कुछ है लकिन ये सब कहना इतना आसान नहीं है. अंत मै अपने देशवाशियों को बहुत बहुत प्यार और बधाई देती हों. जय जवान जय किसान।
चिट्ठियों के प्रकाशन का क्रम १५ सितम्बर तक चलेगा. इसमें आप भी अपनी चिट्टी को शामिल कर सकते हैं तो भेज दीजिये "एक चिट्ठी देश के नाम" लिखकर १२ सितम्बर ०९ तक. [उल्टा तीर]
अमित जी ..मेरी चिट्ठी जल्द ही मिलेगी आपको..और हां बबीता जी ने तो बहुत कुछ कह दिया देश के नाम ..प्रभावित किया इस चिट्ठी ने ..
जवाब देंहटाएंchiththi badhiya lagi. umda pryaas hai apka.
जवाब देंहटाएं