लड़का क्या सोचता है, लड़की क्या सोचती है, अपने कॅरियर, लाइफ के बारे में जानना-समझना बेहद जरूरी है। ताकि बाद में कोई गड़बड़ी पैदा न हो। 'लड़की का जॉब करना या न करना' यह भी आज एक बड़ा इश्यू बन चुका है। अब आप इसे किस कानून के जरिए तय नहीं कर सकते ?
रविवार, 7 मार्च 2010
... ताकि रिश्तों को टूटने से बचा पाएं
शादी से पहले लड़के और लड़कियों के बीच 'चेहरा दिखाई' के अलावा बातचीत और मुलाकात जरूर होनी चाहिए। और इस बात को कई परिवार समझने भी लगे है। और ऐसा होने भी लगा है। आपस में बातचीत के लिए अगर दोनों को पर्याप्त समय दिया जाए तो ज्यादा अच्छा होता है।
मैं अपने एक ऐसे दोस्त का उदाहरण देना चाहूंगा, जो सोचता था कि उसकी लाइफ पाटर्नर जॉब करें मगर उसका सपना चूर-चूर हो गया। क्योंकि शादी से पहले उसकी बीवी से मुलाकात या बातचीत नहीं हो पाई। उसकी बीवी बीएससी पास है। उसने सोचा था कि कम्प्यूटर कोर्स करवाने के बाद कोई जॉब करवाएंगे। उन्होंने अपनी बीवी को कोर्स करवा दिया। मगर उनकी बीवी किचन से बाहर ही नहीं निकलती।
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क्या शादी से पहले लड़के और लड़कियों के बीच बातचीत होनी चाहिए ? बहुत सारी बातें है। हम बात को ज्यादा बढ़ा-चढ़ा कर न पेश करते हुए सीधे-सीधे कहने की कोशिश करते है। मैंने अपने एक परिचित दंपति से जानना चाहा। अगर आपको शादी से पहले एक दूसरे के बारे में जानने-समझने का मौका मिलता तो क्या आप यह शादी करते ? उनका जवाब था बिल्कुल नहीं। मैंने फिर सवाल किया। क्या कमी है आपके रिश्ते में और आप अलग क्यों नहीं हो जाते ? उनका जवाब सुनिए- सबसे पहले तो हमारी पढ़ाई-लिखाई का स्तर ठीक नहीं है। पत्नी ने कहा कि मेरा पति ज्यादा पढ़ा-लिखा होता तो अच्छा होता। और ये भी कहा कि हम चाह कर भी अलग नहीं हो सकते। क्योंकि तलाक जैसी बातों को यहां अच्छा नहीं माना जाता।
एक प्रोफेशनल दंपति से मैंने बातचीत की। उनका कहना था कि शादियां तो समझौता पर ही चलती है। ये सोचना बेकार है कि भारतीय शादियों में कहीं कोई खुशी होती है। दो लोग एक साथ रहते है। दोनों की न विचारधारा मिलती है। न व्यवहार। अगर दोनों के विचार मिलते हो तो जिंदगी बड़ी अच्छी गुजरती है। वरना तो बस कटती है।
देखा आपने एक उच्च शिक्षित दंपति का क्या कहना है। अगर दोनों के विचार मिले तो जीवन बड़ा सुंदर हो जाता है। मतलब साफ है कि आज के समय में शादी से पहले लड़के और लड़कियों के बीच बातचीत, मुलाकात होना जरूरी है। ताकि एक-दूसरे केविचार-व्यवहार केबारे में जाना जा सकें। भविष्य की योजना के बारे में बात की जा सकें। केवल चेहरा देख लेने भर से ही जिंदगी भर का फैसला नहीं किया जा सकता।
लड़का क्या सोचता है, लड़की क्या सोचती है, अपने कॅरियर, लाइफ के बारे में जानना-समझना बेहद जरूरी है। ताकि बाद में कोई गड़बड़ी पैदा न हो। 'लड़की का जॉब करना या न करना' यह भी आज एक बड़ा इश्यू बन चुका है। अब आप इसे किस कानून के जरिए तय नहीं कर सकते।
कई लड़कों का आज भी सोचना है कि लड़की से शादी के बाद नौकरी नहीं करवाएंगे। इनमें लाखों का पैकेज वाले अफसर और कुछ हजार महीनों की नौकरी करने वाले लड़के दोनों शामिल है। क्या कर सकते हैं आप ? ऐसे में उस लड़की का जीवन तो बर्बाद हो गया जिसने कॅरियर बनाने की चाह में पढ़ाई की थी। लड़की से कह दिया चुपचाप घर में बैठो। अब बताईए इसका क्या समाधान है।
अगर शादी से पहले इन दोनों की मुलाकात हो जाती, बातचीत हो जाती तो क्या ये समस्या पेश आती?
समय के साथ कदम से कदम मिलाते हुए कुछ लड़कों और लड़कियों का आज ये सोचना है कि दोनों को जॉब, नौकरी करना चाहिए। आखिर किसी (लड़की) की पढ़ाई-लिखाई और काबिलियत, एनर्जी क्यों बेकार जाए। यहां मैं अपने एक ऐसे दोस्त का उदाहरण देना चाहूंगा, जो सोचता था कि उसकी लाइफ पाटर्नर जॉब करें मगर उसका सपना चूर-चूर हो गया। क्योंकि शादी से पहले उसकी बीवी से मुलाकात या बातचीत नहीं हो पाई। उसकी बीवी बीएससी पास है। उन्होंने सोचा था कि कम्प्यूटर कोर्स करवाने के बाद कोई जॉब करवाएंगे। उन्होंने अपनी बीवी को कोर्स करवा दिया। मगर उनकी बीवी किचन से बाहर ही नहीं निकलती। अब आप बताईये। इस मामले में क्या किया जा सकता है।
इन दोनों ही मामलों से साफ जाहिर होता है कि शादी से पहले लड़के और लड़कियों के बीच 'चेहरा दिखाई' के अलावा बातचीत और मुलाकात जरूर होनी चाहिए। और इस बात को कई परिवार समझने भी लगे है। और ऐसा होने भी लगा है। आपस में बातचीत के लिए अगर दोनों को पर्याप्त समय दिया जाए तो ज्यादा अच्छा होता है।
अब कुछ और दोस्तों का किस्सा सुनिए। जिसमें लड़के और लड़की दोनों शामिल है।
एक लड़की ने बताया कि मुझे देखने लड़के आ रहे है। आते हैं और बिना कुछ बात किए, पूछे, चले जाते है। न लाइफ के बारे में कोई बातचीत, न कॅरियर को लेकर। पता नहीं क्या देखते हैं? यहां महसूस करते है कि लड़की के मन में यही बात है कि उसका भावी जीवनसाथी उससे बातचीत करें।
एक दोस्त ने बताया कि जहां भी लड़की देखने गया दस-पंद्रह लोगों के बीच बैठना होता था। लड़की एक बार चाय, एक बार नाश्ता लेकर आईं। और फिर गायब हो गई। क्या बिना जाने-समझे जिंदगी भर का रिश्ता किया जा सकता है। कदापि नहीं।
अब आप इस पर भी विचार करें कि पहले संयुक्त परिवार होता था। परिवार में कई बड़े बुजुर्ग पुरुष और महिलाएं होती थी, जो पति-पत्नी के बीच बिगड़ती बात को संभाल लेती थी। लेकिन अब जब एकल परिवार है। पति-पत्नी महानगरों में अकेले रहते हैं। इनके बीच तलाक की नौबत जल्दी आ जाता है। क्योंकि उनके बीच सामंजस्य कायम न होने के कारण रिश्ते टूटने लगते हैं।
[रामकृष्ण डोंगरे]
Posted by
Chhindwara chhavi
at
1:38:00 am
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4 टिप्पणियां:
आप सभी लोगों का बहुत-बहुत शुक्रिया जो आप अपने कीमती वक़्त से कुछ समय निकालकर समाज व देश के विषयों पर अपनी अमूल्य राय दे रहे हैं. इस यकीन के साथ कि आपका बोलना/आपका लिखना/आपकी सहभागिता/आपका संघर्ष एक न एक दिन सार्थक होगा. ऐसी ही उम्मीद मुझे है.
--
बने रहिये हर अभियान के साथ- सीधे तौर से न सही मगर जुड़ी है आपसे ही हर एक बात.
--
आप सभी लोगों को मैं एक मंच पर एकत्रित होने का तहे-दिल से आमंत्रण देता हूँ...आइये हाथ मिलाएँ, लोक हितों की एक नई ताकत बनाएं!
--
आभार
[उल्टा तीर] के लिए
[अमित के सागर]
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जीवन पद्धति बदल रही है और यह संक्रान्ति काल है। लेकिन अब युवाओं के मध्य समझदारी भी बढ़ रही है। जीवन में और परिवारों में सभी कुछ साथ-साथ चलेगा। कभी भी और किसी भी काल में सामन्जस्य पूर्णतया नहीं बैठता है। चाहे पहले बात कर लें या नही करें। दोनों में से एक को सहिष्णु होना ही पड़ता है। जहाँ दोनों एक से स्वभाव के होते हैं अक्सर झगडे वहीं ज्यादा होते हैं।
जवाब देंहटाएंदोनों में से एक को सहिष्णु होना ही पड़ता है। ये बिलकुल सत्य कथन है आज कल स्त्री और पुरूष की लड़ाई का अहम् कारण यही है आज अपनी छवि -पहचान आवश्यक है लकिन ये सब झूट का पुलिंदा है आज पड़े लिखे लड़के लड़की भी गलत तरीको से केवल पैसा कमाना चाहते है और मन चाहा खर्च करना ही जिन्दगी है ऐसे लड़के -लड़की एक दुसरे का ज्यादा से ज्यादा फायदा उठाना चाहते है न की शादी जैसे गंभीर रिश्ते को समझते है
जवाब देंहटाएंविवाह के पश्चात स्थायी स्वभाव जैसे कोई बात नही रह जाती । परिस्थितिजन्य विवेक के अनुसार ही निर्णय लेना होता है । एकल परिवार का यह लाभ तो है कि आपस मे सम्वाद करने का अधिक अवसर मिलता है और राह भी निकलती है ।
जवाब देंहटाएंदोनों में से एक को सहिष्णु होना ही पड़ता है। ये बिलकुल सत्य कथन है आज कल स्त्री और पुरूष की लड़ाई का अहम् कारण यही है आज अपनी छवि -पहचान आवश्यक है
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