आपस में उंच-नीच, धर्म-मज़हब,या फ़िर...
नस्लवाद या राज्यवाद और "वेलेंटाईन डे" के विरोध में फ़िर अपने आप को "महान" बताने की दौड में...
...... कहीं हम सब ये तो नहिं भूल गये हैं कि हमारे देश को ज़रुरत है सौहार्द-एकता-अखंडता की।
[हिन्दी का प्रथम "बहस" वाला ब्लॉग]
आप सभी लोगों का बहुत-बहुत शुक्रिया जो आप अपने कीमती वक़्त से कुछ समय निकालकर समाज व देश के विषयों पर अपनी अमूल्य राय दे रहे हैं. इस यकीन के साथ कि आपका बोलना/आपका लिखना/आपकी सहभागिता/आपका संघर्ष एक न एक दिन सार्थक होगा. ऐसी ही उम्मीद मुझे है.
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बने रहिये हर अभियान के साथ- सीधे तौर से न सही मगर जुड़ी है आपसे ही हर एक बात.
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आप सभी लोगों को मैं एक मंच पर एकत्रित होने का तहे-दिल से आमंत्रण देता हूँ...आइये हाथ मिलाएँ, लोक हितों की एक नई ताकत बनाएं!
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आभार
[उल्टा तीर] के लिए
[अमित के सागर]
Very nice, Hume ek sath khada hona hoga
जवाब देंहटाएंAmitji,bilkul sahi khayalaat hain aapke!
जवाब देंहटाएंपुणे में दस मारे गये, फिर मोमबत्तियां जलाओ, स्यापा करो. लगता है अब शाहरुख "माइ नेम इज विक्टिम आफ पुणे बम ब्लास्ट बनायेंगे."
जवाब देंहटाएंAatank ke khilaaf ek kaargar hathiyar hai har nagrik ki do chaukanni aankhen. Aatanki bheed
जवाब देंहटाएंwale sthan hi blast ke liye chunte hain. Yadi
har nagrik chaukanna rahe to aatankwadiyon ke
mansoobon par pani fera ja sakta hai. Kyon na
mumhim chalai jaye... "Aatank ke khilaf kargar
hathiyar - Do Aankhen".
सही कहा आपने ....."वेलेंटाईन डे" पर आवाज उठाते उठाते शायद हम ये भूल जाते हैं देश कि सबसे गंभीर समस्या आतंकवाद हैं....जो देश को नासूर बन के चुभ रही हैं....आपकी आवाज शायद बेमतलब कि बहस को विराम देकर देश के एक ज्वलंत मुद्दे कि और हमारा ध्यान आकर्षित कर पायेगी...इसी आशा के साथ----डिम्पल
जवाब देंहटाएंसही कहा आपने ....."वेलेंटाईन डे" पर आवाज उठाते उठाते शायद हम ये भूल जाते हैं देश कि सबसे गंभीर समस्या आतंकवाद हैं....जो देश को नासूर बन के चुभ रही हैं....आपकी आवाज शायद बेमतलब कि बहस को विराम देकर देश के एक ज्वलंत मुद्दे कि और हमारा ध्यान आकर्षित कर पायेगी...इसी आशा के साथ----डिम्पल
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