आगामी कुछ महीनों में हम सभी आम चुनावो के जरिये अपनी सरकार चुनेगे । आम चुनाव की दहलीज़ पर उल्टा तीर आपके अपने मंच पर भारतीय राजनीति के जलते सवालो को उठाएगा । इस महिने से उल्टा तीर का फोकस राजनीति और उससे जुड़े सवाल रहेंगे, जो हम आम चुनाव और देश में नई सरकार के गठन तक सतत रूप से उठाएंगे । उल्टा तीर के इस मंच पर सवाल होंगे, बहस भी होगी, आपका हम सबका नजरिया भी होगा ।
हम सभी मिलकर एक अच्छी सरकार के निर्माण की कोशिश करेंगे । बदलते वक्त के मिजाज़ को इस मंच पर समझेंगे । आप अपनी बात इस मंच पर लेख, आलेख, प्रतिक्रिया, कविता आदि के ज़रिये अभिव्यक्त करे । आइये हम सभी मिलकर एक सुलझे जनमत का निर्माण करने में योगदान दे ।
चलते चलते ब्लॉगर अमिताभ की एक कविता "सवाल उठाएं ?"
इस हालात में
एक नया सवेरा लाये
आओ मिलकर
हम सवाल उठायें
सवाल जिनसे हम
सबका वास्ता
सवाल जिनसे देश का वास्ता
सवाल जो हमें
बैचैन करते हैं
सवाल जिनके घेरे में
हम सबकी तकदीरें हैं
सवाल जिनके घेरे में
छिपा है
हम सबका आने वाला कल
सवाल जब उठेंगे
नदियों के जैसे
अपने रास्ते ढूंढ लेंगे
सवाल
जो जेहन में हमारे
सवाल जो
घूमते इर्द गिर्द हमारे
मिलकर कोशिश करते हैं
कोशिश करके जीते
हालात बदले
सवाल उठाएं
सवाल उठाएं
एक नजरिया बनाए
आओ
एक बेहतर कल ढूंढ लाये
पहली चीज मतदान अनिवार्य होना चाहिये, कियोस्क और नेट के जरिये हो, घर-घर जाकर पल्स पोलियो की तरह हो, मल्टी परपज आई कार्ड जो बायो-मैट्रिक्स पर आधारित हो के द्वारा हो. वापसी का और नेगेटिव वोटिंग का अधिकार हो. आधी दिक्कतें दूर हो जायेंगी.
जवाब देंहटाएंसवाल सवाल सवाल ......५ साल बाद तो आता है समय सवाल उठाने का..........अगर अब भी नही उठाएंगे तो कब
जवाब देंहटाएंमतदान अनिवार्य किए जाने से पहले मतपत्र/वोटिंग मशीन पर 'इनमें से कोई नहीं' का विकल्प उपलब्ध कराया जाना चाहिए (चुनाव आयोग यह सिफारिश सरकार को भेज चुका है) और यदि 50 प्रतिशत या अधिक मतदाता इस विकल्प को चुनते हैं तो वहां फिर से चुनाव कराया जाना चाहिए और इस चुनाव में वे लोग उम्मीदवार नहीं होंगे जिन्हें मतदाताओं ने निरस्त कर दिया है। इससे, 'जीतने की सम्भावना' वाले उम्मीदवार आने बन्द होंगे और तब शिक्षित, अपने क्षेत्र के विद्वान, विशेषज्ञ लोगों के चुने जाने की सम्भावनाएं बनेंगी।
जवाब देंहटाएंवर्तमान स्थिति में मतदान अनिवार्य करना, बीमारी से अधिक घातक इलाज जैसा होगा।
अमित जी बहुत खूब !!
जवाब देंहटाएंआपने ज़ंग का एलान कर दिया है तो हम जंग जीतकर भी ले आयेंगे!!
बहुत अच्छा प्रयास !!
आगे बड़ते चले चलो!!
Sahi kaha aapne...
जवाब देंहटाएंBahhai..
वापसी का और नेगेटिव वोटिंग का अधिकार हो.मतपत्र/वोटिंग मशीन पर 'इनमें से कोई नहीं' का विकल्प उपलब्ध कराया जाना चाहिए,मल्टी परपज आई कार्ड जो बायो-मैट्रिक्स पर आधारित हो
जवाब देंहटाएंसागर जी सुझाव तो सरकार लगातार लेती रही पर अमल नही होगा जबतक सब मेहनत बेकार है लेकिन चुनाव मे भागीदारी लेने के लिए प्र्याशी भारत देश के सभी व्यक्ति चाहे कोई कितना भी बडा अपराधी क्यों न हो सभी को समानता के आधार पर अनुमति होनी चाहिए है क्युकी हमारे देश मे डाकू या चोर सभी को अच्छा नागरिक बनने का मौका मिलना चाहिए अगर को नेता बन कर अच्छा कार्य कर सकता है तो क्यो नही मौका मिले और देश मे कानून का कितना सदुपयोग होता है ये बताने की जरूरत मे नही समझता
चुनाव आने को है और आपका ये प्रयाश सराहनिए है मुझे सवयम चुनाव का इन्तिज़ार है और यकीं भी है की इस बार भी इतिहास बदलने वाला नही है वही सब होना है क्योकि क्रांति अभी दूर की कोढ़ी है और हम हिन्दुस्तानियों ने कभी कोई क्रांति सफलता के साथ की भी नही है लकिन आप जैसे कुछ लोग जब अलग -अलग न रहकर एक हो जायोगे तो क्रांति का सूत्रपात होगा
जवाब देंहटाएंजहाँ सुझाव वाली बात है मुझे भी लगता है की सब से पहले उपर से सुधार आरम्भ किया जाए और सभी ऐसे उम्मीदवार जो लगातार बरसो से जीतते आ रहे उन्हें जितना बंद करे और हर बार केवल उस व्यक्ति को जीतने का मौका दे जो लगातार काम करता रहा हो ऐसा न जो राष्ट्र को बेच डाले
जय हिंद जय जवान जय किसान
mai aapke saath hu....
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