उल्टा तीर पर "फ्रेंड्स विद बेनेफिट्स" बहस को आगे बढाते हुए इस रिश्ते की यह आखिरी जानकारीपरक पोस्ट-
(इस रिश्ते के अगुवाओं के अनुसार) फ्रेंड्स विद बेनेफिट्स रिश्ते को कायम और अच्छा रखने के लिए कुछ टिप्स-
१- पुरुष वर्ग को महिला साथी के यहाँ कभी रात नहीं बितानी चाहिए. पुरुष वर्ग के लिए यह एक गलत सन्देश भेजता है. जैसे कि आप अपनी महिला साथी के साथ बस जाना चाहते हैं. यह एक अच्छा तरीका है कि आप मुलाक़ात उसके घर पर करें और शारीरिक सम्बन्ध के बाद आप अपने साथी के घर से तुंरत चले जाएँ.
२. कभी भी दोनों ही वर्ग किसी भी तरीके का/की निशानी न छोडें. इनमें छोटी छोटी चीज़ें भी सम्मिलित हैं जैसे टूथब्रश, कपडे, किताबें, पर्स, फोटो आदि. क्योंकि ये छोटी-छोटी चीज़ें दोनों को भावनात्मक रूप से जोड़ने का काम कर सकती हैं. साथ ही यह चीज़ें भविष्य में अतीत से मिलाने का सबूत भी हो सकती हैं. जबकि इसमें न कोई अतीत होता है और न कोई भविष्य.
३. यह रिश्ता दोनों ही साथियों को अपने-अपने साथियों के प्यार के नाम न रखने की हिदायत भी देता है. जैसे हनी, स्वीटी, डार्लिंग, बेबी. यहाँ तक कि 'जानू' तक न कहें. सिर्फ एक दूसरे के नाम से ही पुकारें ताकि यह रिश्ता सहमित के अपने कायदे में रहे व एक-दूसरे के प्रति किसी अन्य प्रकार की भावना पैदा न हो.
४. इस रिश्ते के अलावा किसी भी तरह का झुकाव् या जुडाव न पैदा हो इसलिए कभी भी अपने परिवार के बारे में, अपने भविष्य, अपने अतीत के बारे में, किसी भी तरह के अपने शौक़ के बारे में, अपनी सफलता-असफलता के बारे में, इत्यादी तरह की बातों को न बाटें.
५. इस तरह के रिश्ते में आप सिर्फ किसी फिल्म, या संगीत बैंड, पसंदीदा शराब व् इसी तरह की कुछेक ही चीज़ों के बारे में बातें करें.
६. शारीरिक सम्बन्ध बनाने के बाद किसी भी तरह के शारीरिक प्रेम जैसे गले लगना, चूमना, हाथ में हाथ डालना, गालों को स्पर्श करना, बालों को संवारना, आदि...तकरीबन न करें. चूँकि इस तरह की क्रियाओं से महिलायें जल्दी ही भावनात्मक जुडाव महसूस करने लगती हैं जबकि इस रिश्ते में भावनात्मक जुडाव की कतई जगह नहीं है.
७. रात्री पहर में कभी भी रात्री खाना खाने (डिनर), फिल्म देखने जाने, या अच्छा समय व्यतीत करना वर्जित है.
८. सदैव सुरक्षित यौन सम्बन्ध ही बनाएं. पुरुष वर्ग के लिए कंडोम हमेशा ही प्रयोग में लायें और महिला वर्ग बर्थ कण्ट्रोल को अपनाएँ.
९. भले ही आप इस तरह के रिश्ते (शारीरिक सम्बन्ध) में हैं मगर किसी भी तरह से अपने साथी के साथ असामान्य/असामाजिक व्यवहार न करें.
अंततः जैसा कि सभी टिप्स/रिश्ते के नियम हैं, एक बात पूरी तरह से तय है कि इस रिश्ते में भावनाओं की कोई जगह नहीं होती. जो लोग भावुक हैं, व इस रिश्ते के नियमों को कठोर पाते हैं, यह रिश्ता उनके लिए कतई नहीं हैं. इसे एक तरह चेतावनी की तरह भी लें. यह रिश्ता अपने आप में विषम खेल है. और इसे हर कोई नहीं खेल सकता. इसलिए इस तरह के रिश्ते में जाने से पहले यह जान लें कि आप किस हद तक जा सकते हैं!
असल में "फ्रेंड्स विद बेनेफिट्स" रिश्ता है क्या, यह तो हम सभी लोग इस पोस्ट को पढ़कर जान ही गए हैं. दरअसल, इस मुद्दे पर बहस करना या चर्चा करना मुझे इसलिए भी जरूरी लगा चूँकि समाज में जिन भी नयी चीज़ों (रिश्ते, चलन, प्रथा, राजनीति, आदि.) ने अपनी जड़ें जमाई हैं, या जिनका चलन हुआ है, वो इक ही दिन में या इक ही साल याकी माह में बनी, पैदा हुई नहीं हैं, यह इक ऐसी धीमी-धीमी प्रक्रिया है कि जब यह अपने आकार को समाहित कर लेती है तो हमें किसी विस्फोट की तरह लगती है. और हम इस नए परिवर्तन में पलने लग जाते हैं, इसके आचरण में घुल जाते हैं, यह हमारे समाज में पैठ बना लेता है, और हम ही इसकी अगुआई करने लग जाते हैं. यह "फ्रेंड्स विद बेनेफिट्स" रिश्ता भी अपनी चाल में है...और यकीनन जिसने रेंगना शुरू कर दिया है, वो इक दिन दौड़ में आ ही जाता है...अब आप तय कीजिये...कि क्या आने वाले समय में हम अपने समाज में इस तरह के रिश्ते का स्वागत करने के लिए तैयार हैं? सवाल इक नहीं है, यहाँ इक सवाल से पैदा एक नया सवाल है? हमें ही उत्तरित करना होगा, नहीं तो हम यकीनन हार जायेंगे और सवाल अपना सर हमेशा ही उठाएंगे?
कीजिये बहस या चर्चा...क्योंकि बहस और शुरू हो चुकी है मेरे दोस्त...याद रहे, जो भी चुप रहा...उसे हमेशा ही चुप रहना होगा!
अगर आप पास हैं अपने निजी अनुभव, या है आपका कोई मित्र या जानकर 'फ्रेंड्स विद बेनेफिट्स' के रिश्ते में, तो हमें लिख भेजिए.
उल्टा तीर के लिए
[अमित के सागर]
nice
जवाब देंहटाएंअमित जी आपने बहुत खुल कर उन लोगो के विचार रखे जो इन रिश्तों में विश्वास रखते है उनकी राय भी अहम जो इन्हे नही मानते अभी दुसरा पक्ष भी रखे.......
जवाब देंहटाएंबस चलती रहे जिंदगी.......
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