tag:blogger.com,1999:blog-7695654499245448037.post3377920753083986088..comments2024-01-23T17:57:45.300+05:30Comments on उल्टा तीर: इस बार बहस नहीं !उल्टा तीर [अमित के सागर - अकेसा]http://www.blogger.com/profile/02851512989313528812noreply@blogger.comBlogger9125tag:blogger.com,1999:blog-7695654499245448037.post-40782613961819667952009-01-03T00:07:00.000+05:302009-01-03T00:07:00.000+05:30क्या बात है आपकी कविता वाह वाह वाह!नए साल की ........क्या बात है आपकी कविता वाह वाह वाह!नए साल की ................. हार्दिक शुभकामनाएंPrakash Badalhttps://www.blogger.com/profile/04530642353450506019noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7695654499245448037.post-19880204768254557562008-12-13T21:30:00.000+05:302008-12-13T21:30:00.000+05:30इस दर्द से आँख मिलाये हम सभी सुंदर लिखा है आपके ये...इस दर्द से आँख मिलाये हम सभी <BR/>सुंदर लिखा है आपके ये विचार की अब हमे एक होकर लड़ना होगा भारत देश अब आतंक नही देखे इस दुआ के साथ .....<BR/>हम आपके साथ हैkarmowalahttps://www.blogger.com/profile/13293541237818023254noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7695654499245448037.post-68377516373113808112008-12-06T12:04:00.000+05:302008-12-06T12:04:00.000+05:30मेरे ब्लॉग (मेरी माला, मेरे मोती) पर देखिए... कवित...मेरे ब्लॉग (मेरी माला, मेरे मोती) पर देखिए... कविता ' आतंकवाद को नेस्त-नाबूद कर दो यार ' कविता में मैंने ऐसा ही कुछ कहा है!Aruna Kapoorhttps://www.blogger.com/profile/02372110186827074269noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7695654499245448037.post-11664357617896769962008-12-06T11:46:00.000+05:302008-12-06T11:46:00.000+05:30जैसे भी हो, एक मत हो कर, एक जुट हो कर जनता ही आतंक...जैसे भी हो, एक मत हो कर, एक जुट हो कर जनता ही आतंकवाद से लोहा लेने का रास्ता निकाल सकती है!... राजकीय नेताओं को हम आजमा चुके है!...उनसे कुछ नही हो रहा... सिवाय आश्वासन के वे कुछ नहीं दे सकते!... आपके विचारों से मै सहमत हूँ!Aruna Kapoorhttps://www.blogger.com/profile/02372110186827074269noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7695654499245448037.post-84843530240130123292008-12-05T16:02:00.000+05:302008-12-05T16:02:00.000+05:30अमित भाई, आपने ये काम बड़ा अच्छा किया कि आतंकवाद जै...अमित भाई, आपने ये काम बड़ा अच्छा किया कि आतंकवाद जैसे मुद्दे पर शब्दों की बयानबाजी बन्द कर लोगों को कुछ करने के लिए उकसाया. आतंकवाद के नाम पर लोग मरते हैं और इसका दर्द हम अपने सीनों में लिए फिरने के लिए मजबूर होते हैं, तो फिर वो कौन से कारण हैं कि हम आजतक ये सब चुपचाप सहते आ रहे हैं?<BR/>क्यों हम इन नालायक राजनेताओं के बहलावे में आते हैं? क्यों हमें कुछ चन्द स्वघोषित बुद्धिजीवी कभी मुस्लिम आतंकवाद, कभी हिन्दू आतंकवाद और जब कुछ नहीं बचता तो वर्ग विभेद के नाम पर फुसलाते रहते हैं? <BR/>हम खुद क्यों नहीं तय कर सकते हैं कि हमारे लिए उचित क्या है और इसके लिए हम अपना हक़ क्यों नहीं छीनते हैं (माँगने से वो मिलता नहीं)? वक़्त आ गया है (शायद बहुत पहले ही आ गया था) कि अब हम अपनी ज़िन्दगियों का फैसला खुद करें. किसी नेता, किसी स्वघोषित बुद्धिजीवी के हाथों में इसकी डोर न जाने दें.<BR/><BR/>अजित सिंहAjit Singhhttps://www.blogger.com/profile/07880951213017988024noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7695654499245448037.post-74981301432440867282008-12-05T15:16:00.000+05:302008-12-05T15:16:00.000+05:30आपका प्रयास प्रशंसनीय है.आपका प्रयास प्रशंसनीय है.भारतीय नागरिक - Indian Citizenhttps://www.blogger.com/profile/07029593617561774841noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7695654499245448037.post-5264536150803366772008-12-05T15:14:00.000+05:302008-12-05T15:14:00.000+05:30हो गई है पीर पर्वत सी पिघलनी चाहिए, इस हिमालय से क...हो गई है पीर पर्वत सी पिघलनी चाहिए, <BR/>इस हिमालय से कोई गंगा निकलनी चाहिए.<BR/><BR/>पहला कदम- जनप्रतिनिधियों को नेगेटिव वोटिंग के आधार पर वापस बुलाने की प्रक्रिया सरल की जाए.कार्तिकेय मिश्र (Kartikeya Mishra)https://www.blogger.com/profile/03965888144554423390noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7695654499245448037.post-46383975049097387352008-12-05T15:04:00.000+05:302008-12-05T15:04:00.000+05:30"ये दर्द अब हौसला बने ये दर्द अब फ़ैसला बने"यही कह..."ये दर्द अब हौसला बने ये दर्द अब फ़ैसला बने"<BR/><BR/>यही कहना चाहता हूँ . कविता पढ़वाने के लिए धन्यवाद .Himanshu Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/04358550521780797645noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7695654499245448037.post-63356482833188752972008-12-05T14:48:00.000+05:302008-12-05T14:48:00.000+05:30आतंकवाद के विरुद्ध किए जा रहे आप के प्रयासों की जि...आतंकवाद के विरुद्ध किए जा रहे आप के प्रयासों की जितनी भी सराहना की जाए, कम है. बहुत अच्छा... लगे रहें...<BR/><BR/>From- <BR/>‘मेरी पत्रिका’ <BR/>Link : www.meripatrika.co.ccDr. Ravi Srivastavahttps://www.blogger.com/profile/01554958844857557918noreply@blogger.com