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शनिवार, 8 अगस्त 2009

श्रद्धांजलि

ल्टा तीर के वरिष्ट सहयोगी व प्रख्यात राष्ट्रीय कवि श्री मनोहर लाल रत्नम जी के दुखद निधन पर उल्टा तीर परिवार की ओर से अश्रूपूर्ण विनम्र श्रद्धांजलि.


- श्री रत्नम जी सभी रसों में दक्षता के साथ लिखने वाले विनम्र स्वभाव के ओजस्वी कवि थे. आपने दिल्ली साहित्य समाज की स्थापना की, अनके सफल साहित्यिक -सामाजिक आयोजन किए व आपको अपने लेखन क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण पुरस्कारों से सम्मानित किया गया. विक्रमशिला हिन्दी विद्यापीठ के द्वारा विद्यावाचस्पति की उपाधि से आप अलंकृत हुए।

अपनी कविताओं से मंच की शोभा बढाने वाले कवि श्री रत्नम जी की कई पुस्तकें प्रकाशित हुईं- जैसे;
१॰ त्याग और बलिदान (देशभक्तों पर), २॰ जिन्दा रावण बहुत पडे हैं (कविता संगह), ३॰ ई-मेल फी-मेल (कहानी संगह), ४॰ अनेकता में एकता (कहानी संगह), ५॰ बिरादरी की नाक (कहानी संगह), ५॰ कुछ मैं भी कह दूं (कविता संगह), ६॰ गीतों की पाती (कविता संगह), ७॰ जय-घोष (कविता संगह), ८॰ जलती नारी (कविता संगह)
इत्यादि ... एवं शिक्षा के क्षेत्र में भी आपने 10 गाइडें लिखकर अपना अमूल्य योगदान दिया। कई पुस्तकों का सम्पादन व कई बार टेलीविजन पर आपने अपनी कवितायेँ पढ़कर श्रोताओं को बांधे रखा। आप अपनी रचनाओं से समाज को एक सकारात्मक सन्देश देते हुए हमें हमारे यथार्थ से रू-ब-रू कराते रहे। आप वीर-व्यंग्य-हास्य कवि के रुप में प्रख्यात हुए.

साहित्य में आपके अमूल्य योगदान को हमेशा याद किया जाएगा।

श्री रत्नम जी की रिश्तों पर बुनी एक अत्यंत सुन्दर भावपूर्ण व् यथार्थवादी रचना-

~!~रिश्तों पर दीवारें~!~

टूटी माला बिखरे मनके, झुलस गये सब सपने।
रिश्ते नाते हुए पराये, जो कल तक थे अपने।।

अंगुली पकड़ कर पांव चलाया, घर के अंगनारे में,
यौवन लेकर सम्मुख आया, वह अब बटवारे में।

उठा नाम बटवारे का तो, सब कुछ लगा है बटने।।
टूटी माला बिखरे मनके, झुलस गये सब सपने।

रिश्तों की अब बूढ़ी आंखें, देख–देख पथरायीं,
आशाओं के महल की साँसे , चलने से घबरायीं।

कल का नन्हा हाथ गाल पर, लगा तमाचा कसने।।
टूटी माला बिखरे मनके, झुलस गये सब सपने।

दीवारों पर चिपके रिश्ते, रिश्तों पर दीवारें,
घर आंगन सब हुए पराये, किसको आज पुकारें।

रिश्तों की मैली–सी चादर, चली सरक कर हटने।।
टूटी माला बिखरे मनके, झुलस गये सब सपने।

हर घर में बस यही समस्या, चौखट पार खड़ी है,
जिसको छू–कर देखा ‘रत्नम्’ विपदा वहीं बड़ी है।

हर रिश्तों में पड़ी दरारें, लगा कलेजा पफटने।।
टूटी माला बिखरे मनके, झुलस गये सब सपने।

-*-*-

कवि होना और बने रहना आज के दौर में दोनों ही चुनौतीपूर्ण से हैं मगर जीवन के अंतिम सफ़र तक इसे कायम रखते हुए मानवता व अपने समाज, देश की सेवा करते रहना अपने आप में बहुत बड़ी उपलब्धी है बेशक इसके लिए कोई आपको बहुत बड़े पुरस्कार से न नवाजे। आप यूं करते हुए अपने सभी रिश्तों व सामाजिक व्यावहारिकता की जिम्मेदारियों को निभाते हुए जब दिन इस दुनिया से अलविदा कह जाते हैं तब भी आप इस दुनिया में जीवित रहते हैं- अपने कर्म और शब्द-शिल्प से। जैसे अमर कृतियाँ समंदर में कभी डूबती नहीं वो सारे समंदर में तैरते हुए सफ़र करती रहती हैं...हमेशा ही। ऐसे ही "कवि श्री रत्नम जी" हमारे दिलों में, हमारी यादों में, सन्देश-वाहक रचनाओं में, जीवन के रसों में, शब्द-शब्द स्म्रतियों में रहेंगे। इश्वर आपकी आत्मा को शान्ति दे.
उल्टा तीर

5 टिप्‍पणियां:

आप सभी लोगों का बहुत-बहुत शुक्रिया जो आप अपने कीमती वक़्त से कुछ समय निकालकर समाज व देश के विषयों पर अपनी अमूल्य राय दे रहे हैं. इस यकीन के साथ कि आपका बोलना/आपका लिखना/आपकी सहभागिता/आपका संघर्ष एक न एक दिन सार्थक होगा. ऐसी ही उम्मीद मुझे है.
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बने रहिये हर अभियान के साथ- सीधे तौर से न सही मगर जुड़ी है आपसे ही हर एक बात.
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आप सभी लोगों को मैं एक मंच पर एकत्रित होने का तहे-दिल से आमंत्रण देता हूँ...आइये हाथ मिलाएँ, लोक हितों की एक नई ताकत बनाएं!
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आभार
[उल्टा तीर] के लिए
[अमित के सागर]

"एक चिट्ठी देश के नाम" (हास्य-वयंग्य) ***बहस के पूरक प्रश्न: समाधान मिलके खोजे **विश्व हिन्दी दिवस पर बहस व दिनकर पत्रिका १५ अगस्त 8th march अखबार आओ आतंकवाद से लड़ें आओ समाधान खोजें आतंकवाद आतंकवाद को मिटायें.. आपका मत आम चुनाव. मुद्दे इक़ चिट्ठी देश के नाम इन्साफ इस बार बहस नही उल्टा तीर उल्टा तीर की वापसी एक चिट्ठी देश के नाम एक विचार.... कविता कानून घरेलू हिंसा घरेलू हिंसा के कारण चुनाव चुनावी रणनीती ज़ख्म ताजा रखो मौत के मंजरों के जनसत्ता जागरूरकता जिन्दगी या मौत? तकनीकी तबाही दशहरा धर्म संगठनों का ज़हर नेता पत्नी पीड़ित पत्रिकारिता पुरुष प्रासंगिकता प्रियंका की चिट्ठी फ्रेंडस विद बेनेफिट्स बहस बुजुर्गों की दिशा व दशा ब्लोगर्स मसले और कानून मानसिकता मुंबई का दर्दनाक आतंकी हमला युवा राम रावण रिश्ता व्यापार शादी शादी से पहले श्रंद्धांजलि श्री प्रभाष जोशी संस्कृति समलैंगिक साक्षरता सुमन लोकसंघर्ष सोनी हसोणी की चिट्ठी amit k sagar arrange marriage baby tube before marriage bharti Binny Binny Sharma boy chhindwada dance artist dating debate debate on marriage DGP dharm ya jaati Domestic Violence Debate-2- dongre ke 7 fere festival Friends With Benefits friendship FWB ghazal girls http://poetryofamitksagar.blogspot.com/ my poems indian marriage law life or death love marriage mahila aarakshan man marriage marriage in india my birth day new blog poetry of amit k sagar police reality reality of dance shows reasons of domestic violence returning of ULTATEER rocky's fashion studio ruchika girhotra case rules sex SHADI PAR BAHAS shadi par sawal shobha dey society spouce stories sunita sharma tenis thoughts tips truth behind the screen ulta teer ultateer village why should I marry? main shadi kyon karun women

[बहस जारी है...]

१. नारीवाद २. समलैंगिकता ३. क़ानून (LAW) ४. आज़ादी बड़ी बहस है? (FREEDOM) ५. हिन्दी भाषा (HINDI) ६. धार्मिक कट्टरता और आतंकवाद . बहस नहीं विचार कीजिये "आतंकवाद मिटाएँ " . आम चुनाव और राजनीति (ELECTION & POLITICS) ९. एक चिट्ठी देश के नाम १०. फ्रेंड्स विद बेनेफिट्स (FRIENDS WITH BENEFITS) ११. घरेलू हिंसा (DOMESTIC VIOLENCE) १२. ...क्या जरूरी है शादी से पहले? १३. उल्टा तीर शाही शादी (शादी पर बहस- Debate on Marriage)